स्पेस में ओवरटाइम के लिए सुनीता विलियम्स को मिलेंगे सिर्फ 430 रुपये? ट्रंप ने सुनकर कहा- ये तो बड़ी बेइमानी है…

Space station

अंतरिक्ष यात्रा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपलब्धियों को देखते हुए, एक और गर्व की खबर सामने आई है। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में ओवरटाइम काम करने के लिए प्रतिदिन सिर्फ 430 रुपये मिलेंगे। यह खबर सुनकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हैरान रह गए। यह जानकारी हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे AAJTAK.in ने प्रकाशित किया है।

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सुनीता विलियम्स कौन हैं?

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहियो, अमेरिका में हुआ था। उनके पिता डॉ. दीपक पांड्या गुजराती मूल के हैं, जबकि उनकी माता उर्सुलीन बोनी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं।

सुनीता विलियम्स चित्र

सुनीता ने अपनी शिक्षा अमेरिका में पूरी की और नासा के लिए काम करने लगीं। उन्होंने अब तक कई अंतरिक्ष मिशनों में हिस्सा लिया है और अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड भी बनाया है।

अंतरिक्ष में ओवरटाइम का मतलब क्या है?

अंतरिक्ष में काम करना किसी भी यात्री के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। यहां तक कि छोटे से काम को करने के लिए भी अधिक मेहनत और समय लगता है। ओवरटाइम का मतलब है कि सुनीता विलियम्स को उनके निर्धारित कार्यक्रम से अधिक समय तक काम करना पड़ सकता है। इसके लिए उन्हें प्रतिदिन 430 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह राशि भले ही कम लगे, लेकिन अंतरिक्ष में काम करने की चुनौतियों को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया

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जब यह खबर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक पहुंची, तो वे हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में काम करना एक बहुत ही जोखिम भरा काम है, और इसके लिए सिर्फ 430 रुपये प्रतिदिन का भुगतान करना उचित नहीं है। हालांकि, यह भुगतान नासा की नीतियों के अनुसार किया जा रहा है, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए निर्धारित है।

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अंतरिक्ष यात्रियों को मिलने वाला वेतन

अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी सेवाओं के लिए अच्छा वेतन मिलता है। नासा के अनुसार, एक अंतरिक्ष यात्री का वार्षिक वेतन लगभग 66,000 डॉलर से 144,000 डॉलर के बीच होता है। हालांकि, ओवरटाइम के लिए भुगतान की राशि इससे कम होती है। सुनीता विलियम्स को मिलने वाले 430 रुपये प्रतिदिन की राशि भी इसी श्रेणी में आती है।

अंतरिक्ष मिशन का महत्व

सुनीता विलियम्स का यह मिशन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। अंतरिक्ष में किए जाने वाले शोध और अनुसंधान से हमें ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह मिशन भारत की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता को भी दर्शाता है।

सुनीता विलियम्स की उपलब्धियां

  • अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड
  • कई अंतरिक्ष मिशनों में सफलतापूर्वक भाग लेना
  • महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रेरणा स्रोत

निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स का यह मिशन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। अंतरिक्ष में ओवरटाइम के लिए मिलने वाले 430 रुपये प्रतिदिन की राशि भले ही कम लगे, लेकिन यह उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि भविष्य में और भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ेंगे।

स्रोत: AAJTAK.in

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